aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "لکد"
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भरपलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर
मैं उस को आँसुओं से लिख रहा हूँकि मेरे ब'अद कोई पढ़ न पाए
क़ासिद के आते आते ख़त इक और लिख रखूँमैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में
तुम अपने चाँद तारे कहकशाँ चाहे जिसे देनामिरी आँखों पे अपनी दीद की इक शाम लिख देना
भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर 'शकील'आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए
मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देनालहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना
लिखने को लिख रहे हैं ग़ज़ब की कहानियाँलिक्खी न जा सकी मगर अपनी ही दास्ताँ
मिरी जान आज का ग़म न कर कि न जाने कातिब-ए-वक़्त नेकिसी अपने कल में भी भूल कर कहीं लिख रखी हों मसर्रतें
'मजरूह' लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नामहम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह
ये वक़्त बंद दरीचों पे लिख गया 'क़ैसर'मैं जा रहा हूँ मिरा इंतिज़ार मत करना
डाइरी में सारे अच्छे शेर चुन कर लिख लिएएक लड़की ने मिरा दीवान ख़ाली कर दिया
रोएँगे देख कर सब बिस्तर की हर शिकन कोवो हाल लिख चला हूँ करवट बदल बदल कर
जिस ज़ख़्म की हो सकती हो तदबीर रफ़ू कीलिख दीजियो या रब उसे क़िस्मत में अदू की
ज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगरवक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया
कफ़न ऐ गर्द-ए-लहद देख न मैला हो जाएआज ही हम ने ये कपड़े हैं नहा के बदले
लहद में क्यूँ न जाऊँ मुँह छुपाएभरी महफ़िल से उठवाया गया हूँ
हम तो तेरी कहानी लिख आएतू ने लिक्खा है इम्तिहान में क्या
कौसर का जाम उस को इलाही नसीब होकोई शराब मेरी लहद पर छिड़क गया
इजाज़त हो तो तेरा नाम लिख लूँमिरे दिल का वरक़ सादा है अब तक
मुझ में थे जितने ऐब वो मेरे क़लम ने लिख दिएमुझ में था जितना हुस्न वो मेरे हुनर में गुम हुआ
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