aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "نبوت"
ख़त्म हो जाते जो हुस्न ओ इश्क़ के नाज़ ओ अदाशायरी भी ख़त्म हो जाती नबुव्वत की तरह
आसाँ न समझियो तुम नख़वत से पाक होनाइक उम्र खो के हम ने सीखा है ख़ाक होना
देखिए लाती है उस शोख़ की नख़वत क्या रंगउस की हर बात पे हम नाम-ए-ख़ुदा कहते हैं
हम पाँव भी पड़ते हैं तो अल्लाह-रे नख़वतहोता है ये इरशाद कि पड़ते हैं गले आप
मिस्री करे नबात तिरे लब के रू-ब-रूक्या कहिए किस क़दर तिरा शीरीं कलाम है
ली ज़बाँ उस की जो मुँह में हो गया ज़ौक़-ए-नबातउँगलियाँ चूसीं तो ज़ौक़-ए-नैशकर पैदा हुआ
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