आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "پھیلانا"
शेर के संबंधित परिणाम "پھیلانا"
शेर
न आए मेरे होंटों तक जो पैमाना नहीं आता
मिरी ख़ुद्दारियों को हाथ फैलाना नहीं आता
राम अवतार गुप्ता मुज़्तर
शेर
यही काँटे तो कुछ ख़ुद्दार हैं सेहन-ए-गुलिस्ताँ में
कि शबनम के लिए दामन तो फैलाया नहीं करते
नुशूर वाहिदी
शेर
वो आईना हो या हो फूल तारा हो कि पैमाना
कहीं जो कुछ भी टूटा मैं यही समझा मिरा दिल है
सीमाब अकबराबादी
शेर
आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी
एक छलकते साग़र में मय भी है और मय-ख़ाना भी
साग़र निज़ामी
शेर
आग़ोश की हसरत को बस दिल ही में मारुँगा
अब हाथ तिरी ख़ातिर फैलाऊँ तो कुछ कहना