aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "چنبیلی"
अल्लाह-रे नाज़ुकी ये चमेली का एक फूलसर पर जो रख दिया तो कमर तक लचक गई
हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस काउसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे
किस की तलाश है हमें किस के असर में हैंजब से चले हैं घर से मुसलसल सफ़र में हैं
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने दिल को छोटा करूँसुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं
सवाल करती कई आँखें मुंतज़िर हैं यहाँजवाब आज भी हम सोच कर नहीं आए
सब्र करना सख़्त मुश्किल है तड़पना सहल हैअपने बस का काम कर लेता हूँ आसाँ देख कर
मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगामुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता
तुझ से बिछड़ना कोई नया हादसा नहींऐसे हज़ारों क़िस्से हमारी ख़बर में हैं
जलाल-ए-पादशाही हो कि जमहूरी तमाशा होजुदा हो दीं सियासत से तो रह जाती है चंगेज़ी
बुरा मत मान इतना हौसला अच्छा नहीं लगताये उठते बैठते ज़िक्र-ए-वफ़ा अच्छा नहीं लगता
दर्द हो तो दवा भी मुमकिन हैवहम की क्या दवा करे कोई
तुझ को भी क्यूँ याद रखासोच के अब पछताते हैं
कशिश-ए-लखनऊ अरे तौबाफिर वही हम वही अमीनाबाद
मिल मालिक के कुत्ते भी चर्बीले हैंलेकिन मज़दूरों के चेहरे पीले हैं
ये बात याद रखेंगे तलाशने वालेजो उस सफ़र पे गए लौट कर नहीं आए
पहाड़ काटने वाले ज़मीं से हार गएइसी ज़मीन में दरिया समाए हैं क्या क्या
ऊँची उड़ान के लिए पर तौलते थे हमऊँचाइयों पे साँस घुटेगी पता न था
ख़्वाब जितने देखने हैं आज सारे देख लेंक्या भरोसा कल कहाँ पागल हवा ले जाएगी
इल्म क्या इल्म की हक़ीक़त क्याजैसी जिस के गुमान में आई
किसी के हो रहो अच्छी नहीं ये आज़ादीकिसी की ज़ुल्फ़ से लाज़िम है सिलसिला दिल का
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