आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उल्फ़त-ए-रुस्वा"
शेर के संबंधित परिणाम "उल्फ़त-ए-रुस्वा"
शेर
रुस्वा अगर न करना था आलम में यूँ मुझे
ऐसी निगाह-ए-नाज़ से देखा था क्यूँ मुझे
मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
शेर
ये किस मज़हब में और मशरब में है हिन्दू मुसलमानो
ख़ुदा को छोड़ दिल में उल्फ़त-ए-दैर-ओ-हरम रखना
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
शेर
उल्फ़त-ए-कूचा-ए-जानाँ ने किया ख़ाना-ख़राब
बरहमन दैर से का'बे से मुसलमाँ निकला
वज़ीर अली सबा लखनवी
शेर
उल्फ़त-ए-सय्याद से मजबूर हूँ ऐ हम-नफ़स
वर्ना अब भी बाज़ुओं में क़ुव्वत-ए-पर्वाज़ है
सब्र कलकत्तवी
शेर
हुब्ब-ए-दुनिया उल्फ़त-ए-ज़र दिल से दम-भर कम नहीं
उस पर ऐ ज़ाहिद इरादा है ख़ुदा की याद का
नसीम देहलवी
शेर
आँखों आँखों में पिला दी मिरे साक़ी ने मुझे
ख़ौफ़-ए-ज़िल्लत है न अंदेशा-ए-रुस्वाई है
जितेन्द्र मोहन सिन्हा रहबर
शेर
ये माना शीशा-ए-दिल रौनक़-ए-बाज़ार-ए-उल्फ़त है
मगर जब टूट जाता है तो क़ीमत और होती है