आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "कशमकश-ए-ज़िंदगी"
शेर के संबंधित परिणाम "कशमकश-ए-ज़िंदगी"
शेर
मसरूर हो रहे हैं ग़म-ए-आशिक़ी से हम
क्यूँ तंग होंगे कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम
अबु मोहम्मद वासिल बहराईची
शेर
ये हसरत रह गई क्या क्या मज़े से ज़िंदगी करते
अगर होता चमन अपना गुल अपना बाग़बाँ अपना
मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
शेर
कौन अब कश्मकश-ए-ज़ीस्त से दे मुझ को नजात
कर चुका है मिरा क़ातिल नज़र-अंदाज़ मुझे