आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ख़ुलूस-ए-फ़िक्र"
शेर के संबंधित परिणाम "ख़ुलूस-ए-फ़िक्र"
शेर
बाज़ीगाह-ए-दार-ओ-रसन में मय-कदा-ए-फ़िक्र-ओ-फ़न में
हम रिंदों से रौनक़ है हम दरवेशों से मेले हैं
अफ़ज़ल परवेज़
शेर
मेहर-ओ-वफ़ा ख़ुलूस-ए-तमन्ना मिलन की आस
कुछ कम नहीं कि हम ने ये मोती बचा लिए
सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
शेर
ख़ुलूस-ए-दिल से सज्दा हो तो उस सज्दे का क्या कहना
वहीं काबा सरक आया जबीं हम ने जहाँ रख दी
सीमाब अकबराबादी
शेर
किसी के जलवोें से मा'मूर है जहाँ अपना
नहीं ये फ़िक्र कि दुनिया ने साथ छोड़ दिया
जयकृष्ण चौधरी हबीब
शेर
मुझे ये फ़िक्र सब की प्यास अपनी प्यास है साक़ी
तुझे ये ज़िद कि ख़ाली है मिरा पैमाना बरसों से
मजरूह सुल्तानपुरी
शेर
क़ुव्वत-ए-फ़िक्र भी दी ऐसे कि इक हद में रहो
यानी बे-कार समझदार बनाए गए हम
सय्यद ज़ामिन अब्बास काज़मी
शेर
नासेह यहाँ ये फ़िक्र है सीना भी चाक हो
है फ़िक्र-ए-बख़िया तुझ को गरेबाँ के चाक में
मुफ़्ती सदरुद्दीन आज़ुर्दा
शेर
ज़माने से निराला है उरूस-ए-फ़िक्र का जौबन
जवाँ होती है ऐ 'तस्लीम' जब ये पीर होती है