aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "जंग"
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
जंग तो ख़ुद ही एक मसअला हैजंग क्या मसअलों का हल देगी
लड़ने को दिल जो चाहे तो आँखें लड़ाइएहो जंग भी अगर तो मज़ेदार जंग हो
भर जाएँगे जब ज़ख़्म तो आऊँगा दोबारामैं हार गया जंग मगर दिल नहीं हारा
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
आईनों को ज़ंग लगाअब मैं कैसा लगता हूँ
जग में आ कर इधर उधर देखातू ही आया नज़र जिधर देखा
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआदुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
न जी भर के देखा न कुछ बात कीबड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
वक़ार-ए-ख़ून-ए-शहीदान-ए-कर्बला की क़समयज़ीद मोरचा जीता है जंग हारा है
'मुल्ला' बना दिया है इसे भी महाज़-ए-जंगइक सुल्ह का पयाम थी उर्दू ज़बाँ कभी
इतना तो मुझे याद है कुछ उस ने कहा थाक्या उस ने कहा था ये मुझे याद नहीं है
हमें पसंद नहीं जंग में भी मक्कारीजिसे निशाने पे रक्खें बता के रखते हैं
मैले कपड़ों का अपना रंग भी थाफिर भी क़िस्मत में जग-हँसाई थी
जंग का हथियार तय कुछ और थातीर सीने में उतारा और है
जंग का शोर भी कुछ देर तो थम सकता हैफिर से इक अम्न की अफ़्वाह उड़ा दी जाए
यक़ीं उन के वादे पे लाना पड़ेगाये धोका तो दानिस्ता खाना पड़ेगा
न बात दिल की सुनूँ मैं न दिल सुने मेरीये सर्द जंग है अपने ही इक मुशीर के साथ
ज़मीर ओ ज़ेहन में इक सर्द जंग जारी हैकिसे शिकस्त दूँ और किस पे फ़त्ह पाऊँ मैं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books