आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "जानिब"
शेर के संबंधित परिणाम "जानिब"
शेर
समझा है हक़ को अपने ही जानिब हर एक शख़्स
ये चाँद उस के साथ चला जो जिधर गया
पंडित दया शंकर नसीम लखनवी
शेर
हामी भी न थे मुंकिर-ए-'ग़ालिब' भी नहीं थे
हम अहल-ए-तज़बज़ुब किसी जानिब भी नहीं थे
इफ़्तिख़ार आरिफ़
शेर
ये दिन और रात किस जानिब उड़े जाते हैं सदियों से
कहीं रुकते तो मैं भी शामिल-ए-पर्वाज़ हो सकता