आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तपता"
शेर के संबंधित परिणाम "तपता"
शेर
कमाल-ए-तिश्नगी ही से बुझा लेते हैं प्यास अपनी
इसी तपते हुए सहरा को हम दरिया समझते हैं
जिगर मुरादाबादी
शेर
ये सच है चंद लम्हों के लिए बिस्मिल तड़पता है
फिर इस के बअ'द सारी ज़िंदगी क़ातिल तड़पता है
ख़ुशबीर सिंह शाद
शेर
समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता
तड़पता हूँ मगर औरों को तड़पाना नहीं आता
अख़्तर अंसारी
शेर
किसी पहलू नहीं आराम आता तेरे आशिक़ को
दिल-ए-मुज़्तर तड़पता है निहायत बे-क़रारी है