आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दरख़्त-ए-तूर"
शेर के संबंधित परिणाम "दरख़्त-ए-तूर"
शेर
ज़रा पर्दा हटा दो सामने से बिजलियाँ चमकें
मिरा दिल जल्वा-गाह-ए-तूर बन जाए तो अच्छा हो
अली ज़हीर रिज़वी लखनवी
शेर
मूसा ने कोह-ए-तूर पे देखा जो कुछ वही
आता है आरिफ़ों को नज़र संग-ओ-ख़िश्त में