aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "नेता"
एक ये दिन जब अपनों ने भी हम से नाता तोड़ लियाएक वो दिन जब पेड़ की शाख़ें बोझ हमारा सहती थीं
इन दरख़्तों से भी नाता जोड़िएजिन दरख़्तों का कोई साया नहीं
तुम जो कुछ चाहो वो तारीख़ में तहरीर करोये तो नेज़ा ही समझता है कि सर में क्या था
रंग से ख़ुशबुओं का नाता टूटता जाता हैफूल से लोग ख़िज़ाओं जैसी बातें करते हैं
हम से तय होगा ज़माने में बुलंदी का वक़ारनोक-ए-नेज़ा से भी हम नीचे नहीं देखेंगे
भूल गई हूँ किस से मेरा नाता थाऔर ये नाता कैसे टूटा भूल गई
धावा बोलेगा बहुत जल्द ख़िज़ाँ का लश्करशाख़ को नेज़ा करूँ फूल को तलवार करूँ
सर को नेज़ा नसीब होता हैसरफ़राज़ी यूँही नहीं मिलती
इस खेल से कह अपनी मिज़ा से कि बाज़ आएआलम को नेज़ा-बाज़ी से ज़ेर-ओ-ज़बर किया
बुरीदा-सर को सजा दे फ़सील-ए-नेज़ा परदरीदा जिस्म को फिर अर्सा-ए-क़िताल में रख
'अजीब लोग हैं लाशों में ज़िंदगी के निशाँहर एक जिस्म में नेज़ा चुभो के देखते हैं
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