आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बर-सर-ए-आज़ार"
शेर के संबंधित परिणाम "बर-सर-ए-आज़ार"
शेर
बर-सर-ए-आम इक़रार अगर ना-मुम्किन है तो यूँही सही
कम-अज़-कम इदराक तो कर ले गुन बे-शक मत मान मिरे
कौसर नियाज़ी
शेर
दस्त-ए-शिकस्ता अपना न पहुँचा कभी दरेग़
वाँ तर्फ़-ए-दोश बर-सर-ए-दस्तार ही रहा
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
सर-ए-राह मिल के बिछड़ गए था बस एक पल का वो हादसा
मिरे सेहन-ए-दिल में मुक़ीम है वही एक लम्हा अज़ाब का
अंजुम इरफ़ानी
शेर
ज़ि-बस काफ़िर-अदायों ने चलाए संग-ए-बे-रहमी
अगर सब जम'अ करता मैं तो बुत-ख़ाने हुए होते
सिराज औरंगाबादी
शेर
मैं जागते में कहीं बन रहा हूँ अज़-सर-ए-नौ
वो अपने ख़्वाब में तश्कील कर रहा है मुझे
ज़ियाउल मुस्तफ़ा तुर्क
शेर
हल्क़ा-ए-दिल से न निकलो कि सर-ए-कूचा-ए-ख़ाक
ऐश जितने हैं इसी कुंज-ए-कम-आसार में हैं