आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बेदर्दी"
शेर के संबंधित परिणाम "बेदर्दी"
शेर
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
निदा फ़ाज़ली
शेर
बे-ख़ुदी में ले लिया बोसा ख़ता कीजे मुआफ़
ये दिल-ए-बेताब की सारी ख़ता थी मैं न था
मीरज़ा अबुल मुज़फ़्फर ज़फ़र
शेर
सुना है हश्र में हर आँख उसे बे-पर्दा देखेगी
मुझे डर है न तौहीन-ए-जमाल-ए-यार हो जाए
जिगर मुरादाबादी
शेर
हम उन के सितम को भी करम जान रहे हैं
और वो हैं कि इस पर भी बुरा मान रहे हैं