aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "मज़बूत"
यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता हैकई झूटे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है
जिन के मज़बूत इरादे बने पहचान उन कीमंज़िलें आप ही हो जाती हैं आसान उन की
कश्तियाँ मज़बूत सब बह जाएँगी सैलाब मेंकाग़ज़ी इक नाव मेरी ज़ात की रह जाएगी
कोई ज़ंजीर नहीं तार-ए-नज़र से मज़बूतहम ने इस चाँद पे डाली है कमंद आँखों से
ज़िंदगी जंग है आसाब की और ये भी सुनोइश्क़ आसाब को मज़बूत बना देता है
आ कि मज़बूत करें प्यार की बुनियादों कोघर शिकस्ता हो तो बरसात में बट जाता है
तब जा के कहीं ज़ाबित-ओ-मज़बूत हुए हैंहम साल कई आतिश-ए-दोज़ख़ में जले हैं
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँवगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थीमजबूर थे हम उस से मोहब्बत भी बहुत थी
ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्नाये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते
ज़िंदगी है अपने क़ब्ज़े में न अपने बस में मौतआदमी मजबूर है और किस क़दर मजबूर है
मिरी मजबूरियाँ क्या पूछते होकि जीने के लिए मजबूर हूँ मैं
दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुतउस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं
कह तो सकता हूँ मगर मजबूर कर सकता नहींइख़्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह
बर्क़ को अब्र के दामन में छुपा देखा हैहम ने उस शोख़ को मजबूर-ए-हया देखा है
दिल को हर लम्हा बचाते रहे जज़्बात से हमइतने मजबूर रहे हैं कभी हालात से हम
मंज़िल पे भी पहुँच के मयस्सर नहीं सकूँमजबूर इस क़दर हैं शुऊर-ए-सफ़र से हम
ज़ुलेख़ा बे-ख़िरद आवारा लैला बद-मज़ा शीरींसभी मजबूर हैं दिल से मोहब्बत आ ही जाती है
दे के दिल हम जो हो गए मजबूरइस में क्या इख़्तियार है अपना
मोहब्बत के इक़रार से शर्म कब तककभी सामना हो तो मजबूर कर दूँ
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books