आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मस्लक"
शेर के संबंधित परिणाम "मस्लक"
शेर
ये मस्लक अपना अपना है ये फ़ितरत अपनी अपनी है
जलाओ आशियाँ तुम हम करेंगे आशियाँ पैदा
मयकश अकबराबादी
शेर
अलख जमाए धूनी रमाए ध्यान लगाए रहते हैं
प्यार हमारा मस्लक है हम प्रेम-गुरु के चेले हैं
अफ़ज़ल परवेज़
शेर
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
जब जी चाहा मसला कुचला जब जी चाहा धुत्कार दिया
साहिर लुधियानवी
शेर
मुज़्तर ख़ैराबादी
शेर
ग़म-ए-उम्र-ए-मुख़्तसर से अभी बे-ख़बर हैं कलियाँ
न चमन में फेंक देना किसी फूल को मसल कर
शकील बदायूनी
शेर
बनाया ऐ 'ज़फ़र' ख़ालिक़ ने कब इंसान से बेहतर
मलक को देव को जिन को परी को हूर ओ ग़िल्माँ को