aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "मायूस"
इतने मायूस तो हालात नहींलोग किस वास्ते घबराए हैं
इंक़लाब आएगा रफ़्तार से मायूस न होबहुत आहिस्ता नहीं है जो बहुत तेज़ नहीं
मुझे मायूस भी करती नहीं हैयही आदत तिरी अच्छी नहीं है
मौजों की सियासत से मायूस न हो 'फ़ानी'गिर्दाब की हर तह में साहिल नज़र आता है
हो न मायूस ख़ुदा से 'बिस्मिल'ये बुरे दिन भी गुज़र जाएँगे
या-रब तिरी रहमत से मायूस नहीं 'फ़ानी'लेकिन तिरी रहमत की ताख़ीर को क्या कहिए
बहुत मायूस बैठा हूँ मैं तुम सेकभी आ कर मुझे हैरत में डालो
मैं अपने शहर से मायूस हो के लौट आयापुराने सोग बसे थे नए मकानों में
बस मैं मायूस होने वाला थाऔर मौला ने तुझ को भेज दिया
फिर मिरी आस बढ़ा कर मुझे मायूस न करहासिल-ए-ग़म को ख़ुदा-रा ग़म-ए-हासिल न बना
मायूस दिलों को अब छेड़ो भी तो क्या हासिलटूटे हुए पैमाने फ़रियाद नहीं करते
हम कि मायूस नहीं हैं उन्हें पा ही लेंगेलोग कहते हैं कि ढूँडे से ख़ुदा मिलता है
ग़म बिक रहे थे मेले में ख़ुशियों के नाम परमायूस हो के लौटे हैं हर इक दुकाँ से हम
हम तो मस्जिद से भी मायूस ही आए 'नातिक़'कोई अल्लाह का बंदा तो मुसलमाँ होता
हम हैं उन से वो ग़ैर से मायूसक्या मोहब्बत किसी को रास नहीं
मैं किसी हाल में मायूस नहीं हो सकताज़ुल्मतें लाख हों उम्मीद-ए-सहर रखता हूँ
जी में आता है कि दुनिया को बदलना चाहिएऔर अपने आप से मायूस हो जाता हूँ मैं
उड़ानों ने किया था इस क़दर मायूस उन कोथके-हारे परिंदे जाल में ख़ुद फँस रहे थे
दर-ओ-दीवार भी घर के बहुत मायूस थे हम सेसो हम भी रात इस जागीर से बाहर निकल आए
क्या करूँ ऐ दिल-ए-मायूस ज़रा ये तो बताक्या किया करते हैं सदमों से हिरासाँ हो कर
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