aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "शमशान"
आ गिरा ज़िंदा शमशान में लकड़ियों का धुआँ देख करइक मुसाफ़िर परिंदा कई सर्द रातों का मारा हुआ
पहली सिगरेट पहला ख़्वाब और पहला इश्क़इन तीनों में एक भी मुझ को याद नहीं
अच्छा अच्छा हो जाएगा सब कुछ अच्छाअच्छा अच्छा सब कुछ अच्छा हो जाएगा
एक बार फिर सलाम दूर जाने वालों कोदूर जाने वालों को एक बार फिर सलाम
रात के वक़्त उभरता है जुनूँ का सूरजदिन निकलते ही किसी चाँद में ढल जाता है
लौटना चाहिए ज़िंदगी की तरफ़ज़िंदगी की तरफ़ लौटना चाहिए
मौला से मग़्फ़िरत के अलावा दुआ में 'शाद'कुछ और माँगने की जसारत कभी न की
बाग़ किस काम का जिस में गुल ओ शमशाद न होलुत्फ़ देती नहीं बे-शीशा-ओ-साग़र महफ़िल
ख़ुश-क़दों से कभी आलम न रहेगा ख़ालीइस चमन से जो गया सर्व तो शमशाद आया
इस्कूल ख़ून चूसने वाली मशीन हैंभेजो गुलाब-गूँ तो पलटता है ज़र्द-फ़ाम
ये खचा-खच भरी हुई वहशतबे-बसों को बसों से ख़ौफ़ आया
अँधेरों में रहे पर माँगे के उजालों सेघर अपना हम ने कभी ज़ौ-फ़िशाँ किया ही नहीं
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