aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "सर-गश्ता"
गुम्बद में गर्द-बाद के मजनूँ ने घर कियासर-गश्ता ऐसा कौन कि चक्कर में घर करे
यूँ दिल है सर-ब-सज्दा किसी के हुज़ूर मेंजैसे कि ग़ोता-ज़न हो कोई बहर-ए-नूर में
बज़्म से दूर वो गाता रहा तन्हा तन्हासो गया साज़ पे सर रख के सहर से पहले
मंज़र-ए-सर्व-ओ-समन याद आयाफिर से गुम-गश्ता वतन याद आया
सदा-ए-वक़्त की गर बाज़-गश्त सन पाओमिरे ख़याल को तुम शाइराना कह देना
मुझे ये क्या पड़ी है कौन मेरा हम-सफ़र होगाहवा के साथ गाता हूँ नदी के साथ चलता हूँ
जिस को चलना है चले रख़्त-ए-सफ़र बाँधे हुएहम जहाँ-गश्त हैं उट्ठे हैं कमर बाँधे हुए
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