aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".ehra"
इक और दरिया का सामना था 'मुनीर' मुझ कोमैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा
शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआआँखें मिरी भीगी हुई चेहरा तिरा उतरा हुआ
ज़मीन जब भी हुई कर्बला हमारे लिएतो आसमान से उतरा ख़ुदा हमारे लिए
तमाम जिस्म की उर्यानियाँ थीं आँखों मेंवो मेरी रूह में उतरा हिजाब पहने हुए
कचरे से उठाई जो किसी तिफ़्ल ने रोटीफिर हल्क़ से मेरे कोई लुक़्मा नहीं उतरा
दीवार-ए-ख़स्तगी हूँ मुझे हाथ मत लगामैं गिर पड़ूँगा देख मुझे आसरा न दे
शिकस्ता-हाल सा बे-आसरा सा लगता हैये शहर दिल से ज़ियादा दुखा सा लगता है
फैलते हुए शहरो अपनी वहशतें रोकोमेरे घर के आँगन पर आसमान रहने दो
आसरा दे के मेरे अश्क न छीनयही ले दे के बचा है मुझ में
बहुत क़दीम नहीं कल का वाक़िआ है येमैं इस ज़मीन पे उतरा था तेरी ज़ात के साथ
रात पी ज़मज़म पे मय और सुब्ह-दमधोए धब्बे जामा-ए-एहराम के
मोहब्बत आप ही मंज़िल है अपनीन जाने हुस्न क्यूँ इतरा रहा है
मैं दुनिया के मेआ'र पे पूरा नहीं उतरादुनिया मिरे मेआ'र पे पूरी नहीं उतरी
दिल की दहलीज़ पे जब शाम का साया उतराउफ़ुक़-ए-दर्द से सीने में उजाला उतरा
किस ने देखे हैं तिरी रूह के रिसते हुए ज़ख़्मकौन उतरा है तिरे क़ल्ब की गहराई में
शहर-ए-दिल आबाद था जब तक वो शहर-आरा रहाजब वो शहर-आरा गया फिर शहर-ए-दिल में क्या रहा
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगीअब तो वो भी आसरा जाता रहा
रात आँगन में चाँद उतरा थातुम मिले थे कि ख़्वाब देखा था
आसमाँ झाँक रहा है 'ख़ालिद'चाँद कमरे में मिरे उतरा है
बचपन कितना प्यारा था जब दिल को यक़ीं आ जाता थामरते हैं तो बन जाते हैं आसमान के तारे लोग
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books