aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".jle"
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दोन जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाएअब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैंकि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का ग़म होगा
दोस्ती जब किसी से की जाएदुश्मनों की भी राय ली जाए
आज देखा है तुझ को देर के बअ'दआज का दिन गुज़र न जाए कहीं
वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाएऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता
आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाएवर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है
आरज़ू है कि तू यहाँ आएऔर फिर उम्र भर न जाए कहीं
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लेंकिसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना हैमिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है
इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँकहीं ऐसा न हो जाए कहीं ऐसा न हो जाए
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाएकोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
अब इस घर की आबादी मेहमानों पर हैकोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है
एक ही तो हवस रही है हमेंअपनी हालत तबाह की जाए
मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाएबहुत दिनों से तबीअत मिरी उदास नहीं
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस सेअगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
अपने जलने में किसी को नहीं करते हैं शरीकरात हो जाए तो हम शम्अ बुझा देते हैं
ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों सेफ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है
घर से निकल कर जाता हूँ मैं रोज़ कहाँइक दिन अपना पीछा कर के देखा जाए
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