aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".okxa"
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमेंऔर हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँअब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आतीमगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रबक्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसेऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे
बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहोऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो
जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगातिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा
इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँकहीं ऐसा न हो जाए कहीं ऐसा न हो जाए
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाएकोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
वो अक्स बन के मिरी चश्म-ए-तर में रहता हैअजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगाकिरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिएज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों मेंरुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
हम ने काँटों को भी नरमी से छुआ है अक्सरलोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में हैअक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है
होगा कोई ऐसा भी कि 'ग़ालिब' को न जानेशाइर तो वो अच्छा है प बदनाम बहुत है
'ग़ालिब' बुरा न मान जो वाइज़ बुरा कहेऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे
ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रहीजज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही
सब ख़्वाहिशें पूरी हों 'फ़राज़' ऐसा नहीं हैजैसे कई अशआर मुकम्मल नहीं होते
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई देइक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे
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