आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".sag"
शेर के संबंधित परिणाम ".sag"
शेर
गो सग-ए-दुनिया हूँ पर तन्हा-ख़ुरी मुझ में नहीं
टुकड़ा टुकड़ा बाँट खाया जो मयस्सर हो गया
अमान अली सहर लखनवी
शेर
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है