aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".sfud"
इक अजब आमद-ओ-शुद है कि न माज़ी है न हाल'जौन' बरपा कई नस्लों का सफ़र है मुझ में
फ़ना ही का है बक़ा नाम दूसरा 'अंजुम'नफ़स की आमद-ओ-शुद मौत का तराना है
आँखों से ख़्वाब दिल से तमन्ना तमाम-शुदतुम क्या गए कि शौक़-ए-नज़ारा तमाम-शुद
हम ज़ईफ़ों को कहाँ आमद ओ शुद की ताक़तआँख की बंद हुआ कूचा-ए-जानाँ पैदा
रुके है आमद-ओ-शुद में नफ़स नहीं चलतायही है हुक्म-ए-इलाही तो बस नहीं चलता
मदार-ए-ज़िंदगी ठहरा नफ़स की आमद-ओ-शुद परहवा के ज़ोर से रौशन चराग़-ए-बज़्म-ए-हस्ती है
आमद-ओ-शुद कूचे में हम उस के क्यूँ न करें मानिंद-ए-नफ़सज़िंदगी अपनी जानते हैं इस वास्ते आते जाते हैं
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