आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".zme"
शेर के संबंधित परिणाम ".zme"
शेर
अमीर ख़ुसरो
शेर
अमीर ख़ुसरो
शेर
मैं अपने लफ़्ज़ यूँ बातों में ज़ाए कर नहीं सकता
मुझे जो कुछ भी कहना है उसे शेरों में कहता हूँ
भारत भूषण पन्त
शेर
अबस इन शहरियों में वक़्त अपना हम किए ज़ाए
किसी मजनूँ की सोहबत बैठ दीवाने हुए होते
सिराज औरंगाबादी
शेर
लुटा ये कारवाँ कब का न जाने कौन थी मंज़िल
मगर अहबाब अब भी ज़ो'म-ए-चुग़्ताई में जीते हैं
अख़लाक़ अहमद आहन
शेर
ज़ो'म-ए-तुक़ा हिजाब-ए-तज़ाहुर निफ़ाक़ का
हर जा रक़म है इस में भी इज़्न ओ क़ुम-ए-दरोग़