आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Gairat-e-ishq"
शेर के संबंधित परिणाम "Gairat-e-ishq"
शेर
ऐ मुक़ल्लिद बुल-हवस हम से न कर दावा-ए-इश्क़
दाग़ लाला की तरह रखते हैं मादर-ज़ाद हम
इश्क़ औरंगाबादी
शेर
देखने वाले ये कहते हैं किताब-ए-दहर में
तू सरापा हुस्न का नक़्शा है मैं तस्वीर-ए-इश्क़
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
शेर
शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मय-कशी रही
उस ने जो फेर ली नज़र मैं ने भी जाम रख दिया
अहमद फ़राज़
शेर
मिरी ग़ैरत-ए-हमा-गीर ने मुझे तेरे दर से उठा दिया
कुछ अना का ज़ोर जो कम हुआ तो ख़बर हुई तू ख़ुदा सा है
अफ़ीफ़ सिराज
शेर
किसी मग़रूर के आगे हमारा सर नहीं झुकता
फ़क़ीरी में भी 'अख़्तर' ग़ैरत-ए-शाहाना रखते हैं
अख़्तर शीरानी
शेर
हम तो अपनों से भी बेगाना हुए उल्फ़त में
तुम जो ग़ैरों से मिले तुम को न ग़ैरत आई