aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aakar"
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनामवो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
पास हमारे आकर तुम बेगाना से क्यूँ होचाहो तो हम फिर कुछ दूरी पर छोड़ आएँ तुम्हें
किसी ने ख़्वाब में आकर मुझे ये हुक्म दियातुम अपने अश्क भी भेजा करो दुआओं के साथ
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँअब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहदअक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँबाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगावक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देनाहसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आतीमगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम परहँस के कहने लगा और आप को आता क्या है
मज़हबी बहस मैं ने की ही नहींफ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं
आई होगी किसी को हिज्र में मौतमुझ को तो नींद भी नहीं आती
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तककौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिनमुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए'तिबार न कर
रहता है इबादत में हमें मौत का खटकाहम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद
शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैंइतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हमआँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
दिल से जो बात निकलती है असर रखती हैपर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है
अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज सेलेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिनतूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books