aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aapko"
किस तरह जमा कीजिए अब अपने आप कोकाग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के
ढूँडता फिरता हूँ मैं 'इक़बाल' अपने आप कोआप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं
बताऊँ आप को मरने के बाद क्या होगापोलाओ खाएँगे अहबाब फ़ातिहा होगा
आप को आता रहा मेरे सताने का ख़यालसुल्ह से अच्छी रही मुझ को लड़ाई आप की
आप को मेरे तआरुफ़ की ज़रूरत क्या हैमैं वही हूँ कि जिसे आप ने चाहा था कभी
मेहंदी लगाने का जो ख़याल आया आप कोसूखे हुए दरख़्त हिना के हरे हुए
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न आप कोथोड़ी बहुत तो ज़ेहन में नाराज़गी रहे
हाँ आप को देखा था मोहब्बत से हमीं नेजी सारे ज़माने के गुनहगार हमीं थे
दावा बहुत बड़ा है रियाज़ी में आप कोतूल-ए-शब-ए-फ़िराक़ को तो नाप दीजिए
हम आप को देखते थे पहलेअब आप की राह देखते हैं
मैं देखता हूँ आप को हद्द-ए-निगाह तकलेकिन मिरी निगाह का क्या ए'तिबार है
जिस की ख़ातिर मैं भुला बैठा था अपने आप कोअब उसी के भूल जाने का हुनर भी देखना
मैं तो अपने आप को उस दिन बहुत अच्छी लगीवो जो थक कर देर से आया उसे कैसा लगा
हम ने ब-सद ख़ुलूस पुकारा है आप कोअब देखना है कितनी कशिश है ख़ुलूस में
लीजिए बुला लिया आप को ख़याल मेंअब तो देखिए हमें कोई देखता नहीं
आप को ख़ून के आँसू ही रुलाना होगाहाल-ए-दिल कहने को हम अपना अगर बैठ गए
यूँही हर शाम अगर आप को हम याद रहेंसोहबतें गर्म रहें महफ़िलें आबाद रहें
मेहंदी मिरे लहू की मुबारक हो आप कोरंग-ए-हिना है इस में और बू-ए-वफ़ा भी है
करना है आप को जो नए रास्तों की खोजसब जिस तरफ़ न जाएँ उधर जाना चाहिए
मुँह आप को दिखा नहीं सकता है शर्म सेइस वास्ते है पीठ इधर आफ़्ताब की
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