aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ajantaa"
मैं ने लिख्खा है उसे मर्यम ओ सीता की तरहजिस्म को उस के अजंता नहीं लिख्खा मैं ने
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गयाहर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहरवो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं
ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखाउस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा
ये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलताअभी से लौट चलो घर अभी उजाला है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोईजैसे एहसाँ उतारता है कोई
दिखावा ही करना है तो फिर बड़ा करतू शाइ'र नहीं ख़ुद को आशिक़ कहा कर
इक मुलाक़ात का जादू कि उतरता ही नहींतिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है
सभी के दीप सुंदर हैं हमारे क्या तुम्हारे क्याउजाला हर तरफ़ है इस किनारे उस किनारे क्या
अंधेरों को निकाला जा रहा हैमगर घर से उजाला जा रहा है
आप आए हैं सो अब घर में उजाला है बहुतकहिए जलती रहे या शम्अ बुझा दी जाए
अल्लाह जाने किस पे अकड़ता था रात दिनकुछ भी नहीं था फिर भी बड़ा बद-ज़बान था
तुझ को ख़बर नहीं कि तिरा कर्ब देख करअक्सर तिरा मज़ाक़ उड़ाता रहा हूँ मैं
भरे हैं रात के रेज़े कुछ ऐसे आँखों मेंउजाला हो तो हम आँखें झपकते रहते हैं
तेरी यादों की चमकती हुई मशअ'ल के सिवामेरी आँखों में कोई और उजाला ही नहीं
महफ़िल में चार चाँद लगाने के बावजूदजब तक न आप आए उजाला न हो सका
नफ़रतों का अक्स भी पड़ने न देना ज़ेहन परये अँधेरा जाने कितनों का उजाला खा गया
सच नहीं है अनाज की क़िल्लतयार फ़ाक़े यहाँ ज़मीर के हैं
इसी फ़लक से उतरता है ये अंधेरा भीये रौशनी भी इसी आसमाँ से आती है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books