aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "amaavas-raat"
जिस रात खुला मुझ पे वो महताब की सूरतवो रात सितारों की अमानत है सहर तक
मैं मोहब्बत न छुपाऊँ तू अदावत न छुपान यही राज़ में अब है न वही राज़ में है
हंगाम-ए-वस्ल रद्द-ओ-बदल मुझ से है अबसनिकलेगा कुछ न काम नहीं और हाँ से आज
वो जो दाग़-ए-इश्क़ था ख़ुश-नुमा जो अमानत-ए-दिल-ए-ज़ार थासर-ए-बज़्म था तो चराग़ था सर-ए-राह था तो ग़ुबार था
रात कमरे में न था मेरे अलावा कोईमैं ने इस ख़ौफ़ से ख़ंजर न सिरहाने रक्खा
मिरे अलावा सभी लोग अब ये मानते हैंग़लत नहीं थी मिरी राय उस के बारे में
परेशाँ हो के दिल तर्क-ए-तअल्लुक़ पर है आमादामोहब्बत में ये सूरत भी न रास आई तो क्या होगा
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