aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँकितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनियाघर के अंदर दुनिया-दारी रहती है
मेरी रुस्वाई के अस्बाब हैं मेरे अंदरआदमी हूँ सो बहुत ख़्वाब हैं मेरे अंदर
ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं थाक़ाइल ही तिरी बात का अंदर से नहीं था
अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझेमिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले
किसी ने रख दिए ममता-भरे दो हाथ क्या सर परमिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है
अंदर की दुनिया से रब्त बढ़ाओ 'आनिस'बाहर खुलने वाली खिड़की बंद पड़ी है
अपने अंदर हँसता हूँ मैं और बहुत शरमाता हूँख़ून भी थूका सच-मुच थूका और ये सब चालाकी थी
बाहर बाहर सन्नाटा है अंदर अंदर शोर बहुतदिल की घनी बस्ती में यारो आन बसे हैं चोर बहुत
मुमकिन है कि सदियों भी नज़र आए न सूरजइस बार अंधेरा मिरे अंदर से उठा है
अंदर के हादसों पे किसी की नज़र नहींहम मर चुके हैं और हमें इस की ख़बर नहीं
फ़क़त तुम ही नहीं नाराज़ मुझ से जान-ए-जानाँमिरे अंदर का इंसाँ तक ख़फ़ा है इंतिहा है
ज़रा छुआ था कि बस पेड़ आ गिरा मुझ परकहाँ ख़बर थी कि अंदर से खोखला है बहुत
अहबाब का शिकवा क्या कीजिए ख़ुद ज़ाहिर ओ बातिन एक नहींलब ऊपर ऊपर हँसते हैं दिल अंदर अंदर रोता है
बस ज़रा इक आइने के टूटने की देर थीऔर मैं बाहर से अंदर की तरह लगने लगा
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगेकिसी मा'ज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा
हमला है चार सू दर-ओ-दीवार-ए-शहर कासब जंगलों को शहर के अंदर समेट लो
मैं भी अपनी ज़ात में आबाद हूँमेरे अंदर भी क़बीले हैं बहुत
क्या ग़ौर से ऐ जान-ए-जहाँ देख रहे होतुम सा कोई आईने के अंदर तो नहीं है
मिरे वजूद के अंदर है इक क़दीम मकानजहाँ से मैं ये उदासी उधार लेती हूँ
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