आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ba-taqriib"
शेर के संबंधित परिणाम "ba-taqriib"
शेर
बस-कि हों मिल्लत-ओ-मज़हब से जहाँ के आज़ाद
ख़ंदा तक़रीर करे है मिरी बे-दीनी पर
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
दिल की ही किसी बात को तहरीर न कर पाए
लिखने पे जब आए थे तो क्या क्या नहीं लिक्खा
शहज़ाद अंजुम बुरहानी
शेर
राह के तालिब हैं पर बे-राह पड़ते हैं क़दम
देखिए क्या ढूँढते हैं और क्या पाते हैं हम