आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bache"
शेर के संबंधित परिणाम "bache"
शेर
अश्क से मेरे बचे हम-साया क्यूँ-कर घर समेत
बह गई हैं कश्तियाँ इस बहर में लंगर समेत
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई
बशीर बद्र
शेर
बाग़-ए-बहिश्त से मुझे हुक्म-ए-सफ़र दिया था क्यूँ
कार-ए-जहाँ दराज़ है अब मिरा इंतिज़ार कर
अल्लामा इक़बाल
शेर
भोले बन कर हाल न पूछ बहते हैं अश्क तो बहने दो
जिस से बढ़े बेचैनी दिल की ऐसी तसल्ली रहने दो