aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "barsaat"
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैजाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थाइस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करवो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ीबादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
आँखों से मोहब्बत के इशारे निकल आएबरसात के मौसम में सितारे निकल आए
आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुईख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई
बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करताहमारे गाँव में बरसात क्यूँ नहीं करता
यूँ बरसती हैं तसव्वुर में पुरानी यादेंजैसे बरसात की रिम-झिम में समाँ होता है
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेकिस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
गर कभी रोना ही पड़ जाए तो इतना रोनाआ के बरसात तिरे सामने तौबा कर ले
भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती हैदर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराबआई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
बरसात थम चुकी है मगर हर शजर के पासइतना तो है कि आप का दामन भिगो सके
धूप में कौन किसे याद किया करता हैपर तिरे शहर में बरसात तो होती होगी
लगी रहती है अश्कों की झड़ी गर्मी हो सर्दी होनहीं रुकती कभी बरसात जब से तुम नहीं आए
कब से टहल रहे हैं गरेबान खोल करख़ाली घटा को क्या करें बरसात भी तो हो
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुईमेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँछतों पर खिले फूल बरसात के
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगेबरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ
हैं पत्थरों की ज़द पे तुम्हारी गली में हमक्या आए थे यहाँ इसी बरसात के लिए
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