आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bazm-e-yaaraa.n"
शेर के संबंधित परिणाम "bazm-e-yaaraa.n"
शेर
बज़्म-ए-याराँ है ये साक़ी मय नहीं तो ग़म न कर
कितने हैं जो मय-कदा बर-दोश हैं यारों के बीच
गणेश बिहारी तर्ज़
शेर
लोगों को अपनी फ़िक्र है लेकिन मुझे नदीम
बज़्म-ए-हयात-ओ-नज़्म-ए-गुलिस्ताँ की फ़िक्र है
अब्दुल मतीन नियाज़
शेर
बज़्म-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में 'अकबर' की अफ़्सुर्दा-दिली
दाद के लाएक़ नहीं बे-दाद के क़ाबिल नहीं
अकबर हैदरी कश्मीरी
शेर
अब दर्द में वो कैफ़ियत-ए-दर्द नहीं है
आया हूँ जो उस बज़्म-ए-गुल-अफ़्शाँ से गुज़र के
अली जवाद ज़ैदी
शेर
इक माँ के दम से ज़ीस्त में रौनक़ थी बरक़रार
अब वो नहीं तो रौनक़-ए-बज़्म-ए-जहाँ नहीं
डॉ. जाफ़र अस्करी
शेर
मदार-ए-ज़िंदगी ठहरा नफ़स की आमद-ओ-शुद पर
हवा के ज़ोर से रौशन चराग़-ए-बज़्म-ए-हस्ती है
जलील मानिकपूरी
शेर
दस्त-ए-पुर-ख़ूँ को कफ़-ए-दस्त-ए-निगाराँ समझे
क़त्ल-गह थी जिसे हम महफ़िल-ए-याराँ समझे