aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-qaraar-e-tamanaa"
ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जाजा चुकी है बहार चुप हो जा
यूँ मेरे साथ दफ़्न दिल-ए-बे-क़रार होछोटा सा इक मज़ार के अंदर मज़ार हो
हम अपनी बे-क़रारी-ए-दिल से हैं बे-क़रारआमेज़़िश-ए-सुकूँ है इस इज़्तिराब में
हैं सौ तरीक़े और भी ऐ बे-क़रार दिलइज़हार-ए-शिकवा शिकवे के अंदाज़ में न हो
एक दम भी मिला न हम को क़रारइस दिल-ए-बे-क़रार के हाथों
ज़रूर तेरी गली से गुज़र हुआ होगाकि आज बाद-ए-सबा बे-क़रार आई है
खटक रही है कोई शय निकाल दे कोईतड़प रहा है दिल-ए-बे-क़रार सीने में
हो गए नाम-ए-बुताँ सुनते ही 'मोमिन' बे-क़रारहम न कहते थे कि हज़रत पारसा कहने को हैं
लिए फिरा जो मुझे दर-ब-दर ज़माने मेंख़याल तुझ को दिल-ए-बे-क़रार किस का था
सुना है तेरी महफ़िल में सुकून-ए-दिल भी मिलता हैमगर हम जब तिरी महफ़िल से आए बे-क़रार आए
मैं ग़र्क़ हो रहा था कि तूफ़ान-ए-इश्क़ नेइक मौज-ए-बे-क़रार को साहिल बना दिया
मौत आ रही है वादे पे या आ रहे हो तुमकम हो रहा है दर्द दिल-ए-बे-क़रार का
नहीं इलाज-ए-ग़म-ए-हिज्र-ए-यार क्या कीजेतड़प रहा है दिल-ए-बे-क़रार किया कीजे
करम-ए-बे-हिसाब चाहा थासितम-ए-बे-हिसाब में गुज़री
'वहीद' कार-ए-सियासत है कार-ए-बे-काराँज़बाँ को रोक लो क़ाएम रहे अदब का वक़ार
रह-ए-क़रार अजब राह-ए-बे-क़रारी हैरुके हुए हैं मुसाफ़िर सफ़र भी जारी है
तू है मुहीत-ए-बे-कराँ मैं हूँ ज़रा सी आबजूया मुझे हम-कनार कर या मुझे बे-कनार कर
वक़्त-ए-रुख़्सत तसल्लियाँ दे करऔर भी तुम ने बे-क़रार किया
वादा-ए-वस्ल गर किसी से नहींआप क्यूँ बे-क़रार फिरते हैं
मिली थी राह में इक बे-क़रार परछाईंघर आ गई है मिरे साथ साथ चलती हुई
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