आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chashm-e-mai-farosh"
शेर के संबंधित परिणाम "chashm-e-mai-farosh"
शेर
ईद है हम ने भी जाना कि न होती गर ईद
मय-फ़रोश आज दर-ए-मय-कदा क्यूँ वा करता
सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
शेर
चश्म-ए-तर पर गर नहीं करता हवा पर रहम कर
दे ले साक़ी हम को मय ये अब्र-ए-बाराँ फिर कहाँ
इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन
शेर
अजब की साहिरी उस मन-हरन की चश्म-ए-फ़त्ताँ ने
दिया काजल सियाही ले के आँखों से ग़ज़ालाँ की
मीर मोहम्मदी बेदार
शेर
मैं उन मुसाफ़िरों में हूँ इस चश्म-ए-तर के हाथ
घर से निकल के हो जिसे बरसात राह में