aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "dasht-zaad"
दश्त-ए-वहशत में नहीं मिलता है साया काँपतामैं हूँ सौदाई मिरा हम-ज़ाद सौदाई नहीं
आते नज़र हैं दश्त-ओ-जबल ज़र्द हर तरफ़है अब के साल ऐसी है ऐ दोस्ताँ बसंत
यहाँ पे दश्त ओ समुंदर की बात मत करनाहमारे शहर का हर शख़्स है मकान-ज़दा
दोनों बहर-ए-शोला-ए-ज़ात दोनों असीर-ए-अनादरिया के लब पर पानी दश्त के लब पर प्यास
हाथ दिखला के ये बोला वो मुसलमाँ-ज़ादाहो गया दस्त-ए-निगर अब तो बरहमन अपना
छुपा रहता है दस्त-ए-आरज़ू ख़ुद्दार लोगों काबड़ी मुश्किल से अपनी ज़ात का इज़हार करते हैं
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