aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "dhunte"
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइलजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोतीये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें
तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडोचाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है
जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिनबैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए
ढूँडता फिरता हूँ मैं 'इक़बाल' अपने आप कोआप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं
वो कौन था जो दिन के उजाले में खो गयाये चाँद किस को ढूँडने निकला है शाम से
सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहेंक्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता
मुझ को ख़्वाहिश ही ढूँडने की न थीमुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा
इस क़दर रोया हूँ तेरी याद मेंआईने आँखों के धुँदले हो गए
आ गई याद शाम ढलते हीबुझ गया दिल चराग़ जलते ही
ये तन्हा रात ये गहरी फ़ज़ाएँउसे ढूँडें कि उस को भूल जाएँ
छोड़ा नहीं ख़ुदी को दौड़े ख़ुदा के पीछेआसाँ को छोड़ बंदे मुश्किल को ढूँडते हैं
रौशनी ढूँड के लाना कोई मुश्किल तो न थालेकिन इस दौड़ में हर शख़्स को जलते देखा
समुंदरों को भी हैरत हुई कि डूबते वक़्तकिसी को हम ने मदद के लिए पुकारा नहीं
मिरी निगाह में कुछ और ढूँडने वालेतिरी निगाह में कुछ और ढूँडता हूँ मैं
बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने काहमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का
जैसे बारिश से धुले सेहन-ए-गुलिस्ताँ 'अमजद'आँख जब ख़ुश्क हुई और भी चेहरा चमका
इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थीहँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलतेअब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते
ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँड लेती हैंतवाइफ़ों में इन्हें औरतें नहीं मिलतीं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books