आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "faqr-e-buu-bakar-o-alii"
शेर के संबंधित परिणाम "faqr-e-buu-bakar-o-alii"
शेर
ब-क़द्र-ए-ज़ौक़ मेरे अश्क-ए-ग़म की तर्जुमानी है
कोई कहता है मोती है कोई कहता है पानी है
फ़िगार उन्नावी
शेर
जमील मज़हरी
शेर
बहार आए तो ख़ुद ही लाला ओ नर्गिस बता देंगे
ख़िज़ाँ के दौर में दिलकश गुलिस्तानों पे क्या गुज़री
सिकंदर अली वज्द
शेर
बेश ओ कम का शिकवा साक़ी से 'मुबारक' कुफ़्र था
दौर में सब के ब-क़द्र-ए-ज़र्फ़ पैमाना रहा
मुबारक अज़ीमाबादी
शेर
मैं वो गर्दन-ज़दनी हूँ कि तमाशे को मिरे
शहर के लोग खड़े हैं ब-सर-ए-बाम तमाम
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
ख़ुदा रा बहर-ए-इस्तिक़बाल जल्द ऐ जान बाहर आ
अयादत को मिरी जान-ए-जहाँ तशरीफ़ लाते हैं