आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "fareb-e-vaada-e-fardaa"
शेर के संबंधित परिणाम "fareb-e-vaada-e-fardaa"
शेर
इस तरह ख़ुश हूँ किसी के वादा-ए-फ़र्दा पे मैं
दर-हक़ीक़त जैसे मुझ को ए'तिबार आ ही गया
जिगर मुरादाबादी
शेर
उक़ूबत-हा-ए-फ़र्दा से डराता क्या है ऐ वाइज़
ये दुनिया रफ़्ता रफ़्ता ख़ुद जहन्नम होती जाती है
अज्ञात
शेर
कहानी है तो इतनी है फ़रेब-ए-ख़्वाब-ए-हस्ती की
कि आँखें बंद हूँ और आदमी अफ़्साना हो जाए
सीमाब अकबराबादी
शेर
कुछ ऐसा है फ़रेब-ए-नर्गिस-ए-मस्ताना बरसों से
कि सब भूले हुए हैं काबा ओ बुत-ख़ाना बरसों से
इक़बाल सुहैल
शेर
हाए ये हुस्न-ए-तसव्वुर का फ़रेब-ए-रंग-ओ-बू
मैं ये समझा जैसे वो जान-ए-बहार आ ही गया
जिगर मुरादाबादी
शेर
ढूँढता फिरता है मुझ को क्यूँ फ़रेब-ए-रंग-ओ-बू
मैं वहाँ हूँ ख़ुद जहाँ अपना पता मिलता नहीं