आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gam-za-e-khuu.n-khvaar"
शेर के संबंधित परिणाम "gam-za-e-khuu.n-khvaar"
शेर
नज़्र-ए-ग़म शायद हर अश्क-ए-ख़ूँ-चकाँ करना पड़े
क्या ख़बर कितनी बहारों को ख़िज़ाँ करना पड़े
सिराज लखनवी
शेर
दिल की क्या पूछे है इक क़तरा-ए-ख़ूँ था हमदम
सो ग़म-ए-इश्क़ ने आते ही उसे नोश किया
जुरअत क़लंदर बख़्श
शेर
जराहत-तोहफ़ा अल्मास-अर्मुग़ाँ दाग़-ए-जिगर हदिया
मुबारकबाद 'असद' ग़म-ख़्वार-ए-जान-ए-दर्दमंद आया
मिर्ज़ा ग़ालिब
शेर
करता है लहू दिल को हर इक हर्फ़-ए-तसल्ली
कहने को तो यूँ क़ुर्बत-ए-ग़म-ख़्वार बहुत है
इरफ़ाना अज़ीज़
शेर
दूसरों का दर्द 'अख़्तर' मेरे दिल का दर्द है
मुब्तला-ए-ग़म है दुनिया और मैं ग़म-ख़्वार हूँ
अख़्तर अंसारी
शेर
गर हो शराब ओ ख़ल्वत ओ महबूब-ए-ख़ूब-रू
ज़ाहिद क़सम है तुझ को जो तू हो तो क्या करे
मोहम्मद रफ़ी सौदा
शेर
ख़ून-ए-जिगर आँखों से बहाया ग़म का सहरा पार किया
तेरी तमन्ना की क्या हम ने जीवन को आज़ार किया
ज़फ़र अनवर
शेर
गिला किस से करें अग़्यार-ए-दिल-आज़ार कितने हैं
हमें मालूम है अहबाब भी ग़म-ख़्वार कितने हैं