आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "guu.ngo.n"
शेर के संबंधित परिणाम "guu.ngo.n"
शेर
गुनह-गारों में शामिल हैं गुनाहों से नहीं वाक़िफ़
सज़ा को जानते हैं हम ख़ुदा जाने ख़ता क्या है
चकबस्त बृज नारायण
शेर
मोहब्बत नेक-ओ-बद को सोचने दे ग़ैर-मुमकिन है
बढ़ी जब बे-ख़ुदी फिर कौन डरता है गुनाहों से
आरज़ू लखनवी
शेर
फूल तो दो दिन बहार-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखला गए
हसरत उन ग़ुंचों पे है जो बिन खिले मुरझा गए
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
शेर
गुनाहों पर वही इंसान को मजबूर करती है
जो इक बे-नाम सी फ़ानी सी लज़्ज़त है गुनाहों में