aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "guzaarish"
जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश हैजब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना
धूप ने गुज़ारिश कीएक बूँद बारिश की
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
दोस्तो तुम से गुज़ारिश है यहाँ मत आओइस बड़े शहर में तन्हाई भी मर जाती है
इक गुज़ारिश है हज़रत-ए-नासेहआप अब और कोई काम करें
बिन माँगे मिल रहा हो तो ख़्वाहिश फ़ुज़ूल हैसूरज से रौशनी की गुज़ारिश फ़ुज़ूल है
तुम कभी एक नज़र मेरी तरफ़ भी देखोइक तवक़्क़ो ही तो है कोई गुज़ारिश तो नहीं
एक सूरा-फ़ातिहा और चार क़ुल पढ़ दीजिएजो था प्यारा उस की बरसी है गुज़ारिश दोस्तो
मान लेती मैं कहा उस का मगरवो गुज़ारिश कर रहा है ज़िद नहीं
हमारी ख़ैर है लेकिन बस इक गुज़ारिश हैहमारे बाद किसी से भी यूँ नहीं करना
इक गुज़ारिश है मेहरबानों सेछोड़ दें आस्तीं निकल जाएँ
आप के बा'द हर घड़ी हम नेआप के साथ ही गुज़ारी है
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसेतमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा
ऐ शम्अ' तुझ पे रात ये भारी है जिस तरहमैं ने तमाम उम्र गुज़ारी है इस तरह
हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चराग़आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो
ग़लत-फ़हमियों में जवानी गुज़ारीकभी वो न समझे कभी हम न समझे
ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर हैकब ज़िंदगी गुज़ारी है अपने हिसाब में
तुझ बिन सारी उम्र गुज़ारीलोग कहेंगे तू मेरा था
ग़ज़ल के पर्दे में बे-पर्दा ख़्वाहिशें लिखनान आया हम को बरहना गुज़ारिशें लिखना
उम्र सब ज़ौक़-ए-तमाशा में गुज़ारी लेकिनआज तक ये न खुला किस के तलबगार हैं हम
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