आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "hisaab-e-saf-e-dostaa.n"
शेर के संबंधित परिणाम "hisaab-e-saf-e-dostaa.n"
शेर
शारिक़ ईरायानी
शेर
समझ में साफ़ आ जाए फ़साहत इस को कहते हैं
असर हो सुनने वाले पर बलाग़त इस को कहते हैं
अकबर इलाहाबादी
शेर
क्या क्या बदन-ए-साफ़ नज़र आते हैं हम को
क्या क्या शिकम ओ नाफ़ नज़र आते हैं हम को
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
सफ़-ए-मुनाफ़िक़ाँ में फिर वो जा मिला तो क्या अजब
हुई थी सुल्ह भी ख़मोश इख़्तिलाफ़ की तरह
मुसव्विर सब्ज़वारी
शेर
ख़याल उस सफ़-ए-मिज़्गाँ का दिल में आएगा
हमारे मुल्क में भरती सिपाह की होगी
मिर्ज़ा मासिता बेग मुंतही
शेर
बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है
वफ़ा-ए-दोस्ताँ बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है