आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jaah-o-hasham"
शेर के संबंधित परिणाम "jaah-o-hasham"
शेर
ख़ुदा ने इल्म बख़्शा है अदब अहबाब करते हैं
यही दौलत है मेरी और यही जाह-ओ-हशम मेरा
चकबस्त बृज नारायण
शेर
ज़बान-ए-हाल से ये लखनऊ की ख़ाक कहती है
मिटाया गर्दिश-ए-अफ़्लाक ने जाह-ओ-हशम मेरा
चकबस्त बृज नारायण
शेर
आग़ाज़ लफ़्ज़-ए-कुन है तो अंजाम नफ़्ख़-ए-सूर
दुनिया की ज़ेब-ओ-ज़ीनत-ओ-जाह-ओ-जलाल क्या