आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jannat-e-mau.uuda"
शेर के संबंधित परिणाम "jannat-e-mau.uuda"
शेर
ज़िंदगी-ए-दो-रोज़ा से करते हैं वज़्अ जन्नतें
हम को बहुत है ये जहाँ जन्नत-ए-जावेदाँ न दे
फ़िराक़ गोरखपुरी
शेर
जन्नत-ए-सूफ़िया निसार दहर की मुश्त-ए-ख़ाक पर
आशिक़-ए-अर्ज़-ए-पाक को दावत-ए-ला-मकाँ न दे