आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ka.abo.n"
शेर के संबंधित परिणाम "ka.abo.n"
शेर
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता
बशीर बद्र
शेर
कब आओगे ये घर ने मुझ से चलते वक़्त पूछा था
यही आवाज़ अब तक गूँजती है मेरे कानों में
कफ़ील आज़र अमरोहवी
शेर
कुछ इतने हो गए मानूस सन्नाटों से हम 'अख़्तर'
गुज़रती है गिराँ अपनी सदा भी अब तो कानों पर
अख़्तर होशियारपुरी
शेर
जिन की दर्द-भरी बातों से एक ज़माना राम हुआ
'क़ासिर' ऐसे फ़न-कारों की क़िस्मत में बन-बास रहा