aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "khabre.n"
उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैंमैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे
दस बजे रात को सो जाते हैं ख़बरें सुन करआँख खुलती है तो अख़बार तलब करते हैं
आज की शाम गुज़ारेंगे हम छतरी मेंबारिश होगी ख़बरें सुन कर आया हूँ
हर सम्त से तूफ़ान की आमद की हैं ख़बरेंअब मान लो हम लोग गुनहगार बहुत हैं
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी होतुम को देखें कि तुम से बात करें
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हमबिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने मेंजो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
अब नहीं कोई बात ख़तरे कीअब सभी को सभी से ख़तरा है
नहीं दुनिया को जब पर्वा हमारीतो फिर दुनिया की पर्वा क्यूँ करें हम
बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
सुना है उस के बदन की तराश ऐसी हैकि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं
जुर्म में हम कमी करें भी तो क्यूँतुम सज़ा भी तो कम नहीं करते
हमारी ही तमन्ना क्यूँ करो तुमतुम्हारी ही तमन्ना क्यूँ करें हम
ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्नाथी आरज़ू कि तिरे दर पे सुब्ह ओ शाम करें
जी बहुत चाहता है सच बोलेंक्या करें हौसला नहीं होता
ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैंवफ़ा-दारी का दावा क्यूँ करें हम
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैंसज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं
हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करेंदुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या
बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें शिकवावो मिन्नतों से कहें चुप रहो ख़ुदा के लिए
तर-दामनी पे शैख़ हमारी न जाइयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वज़ू करें
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