aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "khatm"
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्तादिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुईकि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए
कहीं ज़मीं से तअल्लुक़ न ख़त्म हो जाएबहुत न ख़ुद को हवा में उछालिए साहिब
इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझेरौशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा
जितना देखो उसे थकती नहीं आँखें वर्नाख़त्म हो जाता है हर हुस्न कहानी की तरह
सभी को ग़म है समुंदर के ख़ुश्क होने काकि खेल ख़त्म हुआ कश्तियाँ डुबोने का
ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसामौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं
ज़बाँ ज़बाँ पे शोर था कि रात ख़त्म हो गईयहाँ सहर की आस में हयात ख़त्म हो गई
अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गयामैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया
किस क़दर महदूद कर देता है ग़म इंसान कोख़त्म कर देता है हर उम्मीद हर इम्कान को
उस सितमगर की हक़ीक़त हम पे ज़ाहिर हो गईख़त्म ख़ुश-फ़हमी की मंज़िल का सफ़र भी हो गया
चले थे जिस की तरफ़ वो निशान ख़त्म हुआसफ़र अधूरा रहा आसमान ख़त्म हुआ
सुना है ऐसे भी होते हैं लोग दुनिया मेंकि जिन से मिलिए तो तन्हाई ख़त्म होती है
हँसी मज़ाक़ की बातें यहीं पे ख़त्म हुईंअब इस के बअ'द कहानी रुलाने वाली है
हुए ख़त्म सिगरेट अब क्या करें हमहै पिछ्ला पहर रात के दो बजे हैं
ऐसी ख़ुशियाँ तो किताबों में मिलेंगी शायदख़त्म अब घर का तसव्वुर है मकाँ बाक़ी है
इक क़िस्सा-ए-तवील है अफ़्साना दश्त काआख़िर कहीं तो ख़त्म हो वीराना दश्त का
अभी ज़िंदा हैं हम पर ख़त्म कर ले इम्तिहाँ सारेहमारे बाद कोई इम्तिहाँ कोई नहीं देगा
वही तो मरकज़ी किरदार है कहानी काउसी पे ख़त्म है तासीर बेवफ़ाई की
ख़त्म हो जाएँ जिन्हें देख के बीमारी-ए-दिलढूँड कर लाएँ कहाँ से वो मसीहा चेहरे
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